अगर आपने बैंक या पोस्ट ऑफिस में एफडी (Fixed Deposit) कराई है तो आपके लिए ये खबर पढ़ना बहुत जरूरी है. क्योंकि एफडी (Fixed Deposit) करवा चुके लोगों के लिए 15G और 15H फॉर्म जमा करना बहुत जरूरी है. अगर आप 30 जून तक ये फॉर्म जमा नहीं करते हैं तो आपके मुनाफे (ब्याज से आमदनी) पर TDS काट लिया जाएगा. आइये आपको बताते हैं इस फॉर्म से जुड़े सभी सवालों के जवाब..
बता दें कि लॉकडाउन (Lockdown) को देखते हुए CBDT ने फॉर्म 15G और फॉर्म 15H भरने की अंतिम तारीख बढ़ाकर 30 जून, 2020 कर दी थी. इन दोनों फॉर्म को टैक्सेशन से बचने के लिए वैसे टैक्सपेयर्स भरते हैं, जो टैक्स के दायरे में नहीं आते हैं.
सवाल: आखिर क्यों जरूरी है 15G या फॉर्म 15H फॉर्म जमा करना?
जवाब: जब किसी फाइनेंशियल ईयर में एफडी पर ब्याज से होने वाली आमदनी एक निश्चित सीमा को पार कर जाती है तो बैंकों को टीडीएस (स्रोत पर कर में कटौती) करना अनिवार्य होता है. इसीलिए जमाकर्ता को फॉर्म 15G या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह बताने के लिए स्व-घोषणा पत्र देता होता हैं और उसमें बताना होता है कि उनकी आय टैक्स योग्य सीमा से कम है. खाता धारकों द्वारा फॉर्म 15G और फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिकों के लिए) यह सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तुत किया जाता है कि उनकी आय पर टीडीएस नहीं काटा जाता है.
फॉर्म 15G या 15H जमा कर आप ब्याज या किराये जैसी आमदनी पर TDS से बच सकते हैं. इन फॉर्म को बैंक, कॉरपोरेट बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों, पोस्ट ऑफिस या किराएदार इत्यादि को देना पड़ता है.
ये भी पढ़ें:- 1 जुलाई से बदल जाएंगे आपके बैंक खाते से जुड़े ये 3 नियम, नहीं जानने पर होगा भारी नुकसान
फॉर्म 15G का इस्तेमाल 60 साल से कम उम्र के भारतीय नागरिक, हिंदू अविभाजित परिवार यानी HUF या ट्रस्ट कर सकते हैं. इसी तरह फॉर्म 15H 60 साल से ज्यादा की उम्र के भारतीय नागरिकों के लिए होता है. 15G और 15H की वैधता केवल एक साल के लिए होती है. इन्हें हर साल जमा करने की जरूरत पड़ती है.
सवाल: अगर बैंक टैक्स कट लेता है तो कैसे पाए पैसे वापस?
जवाब: फॉर्म 15G या 15H के जमा करने में विलंब के कारण काटे गए अतिरिक्त TDS का रिफंड केवल इनकम टैक्स रिफंड फाइल कर ही लिया जा सकता है
Gujrat ma available che?
આ 30 જૂન 2020 before પહેલાં બેંકોને ફોર્મ 15G અને 15H એચ સબમિટ કરવા સંબંધિત છે